मोहब्बत कुबूल करने से इंकार कर दिया है मेरी बरसों की मेहनत बर्बाद कर दिया है पता ढूंढने में लगा हूं मुश्किल क्या थी दिल लगाने में जो खुशियों की महफिल को तार-तार कर दिया है
तुम्हारी आंखों में प्यार झलकता है इशारों में इरादों का इजहार कर रही हो खुश नसीब हूं करीब रहने का मौका मिला है हर मंजर जन्नत सा लग रहा है जो मुझसे प्यार कर रही हो
तुझसे नजर हटती नहीं है चाहे कितना भी देखूं प्यास घटती नहीं है कुछ इस तरह से अपना बना लो उम्र भर खुलेआम देखने की इजाजत मिल जाए