रिश्तो को टूटने मत देना अपनों का साथ छूटने मत देना वरना पछताने के अलावा कुछ नहीं बचेगा समाज में तन्हा रह जाओगे
तुम्हें पाकर भी अधूरा रहा खूबसूरत हो मगर सीरत की तुझमें कमी रह गई गम छुपाकर जमाने से जिए जा रहा हूं खुशियों का ख्वाब टूट सा गया है आंखों में मेरे नमी रह गई
तुम्हारी खूबसूरत नजर से सीखा है मैंने हुनर प्यार का सही मुकाम दे दो मेरे इंतजार का दूर रहने में मुश्किल बहुत हो रही है यादों में रहकर खुशी पा रहा हूं
मेरे दिल पर अपनी मुस्कान से मोहब्बत का छाप छोड़ चुकी हो तुम्हारी बातों से प्रतीत हो रहा है दिल का रिश्ता जोड़ चुकी हो अब तो घायल होना ही है निगाहों से तीर छोड़ चुकी हो हम दोनों में कुछ भी नहीं छुपा सब आंखों से बोल चुकी हो
वादों से अपने मुकरती रही हो क्या राज है हर दिन बदलती रही हो मैं सादगी से मोहब्बत करता रहा हूं दोहरी चाल में मुझको ठगती रही हो