मन व्याकुल है प्यार पाना चाहता हूं कोई भी जुगाड़ करके करीब आना चाहता हूं दूर रहने में हो रही है बहुत दिक्कतें, अपनी खुशियों का मुकाम पाना चाहता हूं मैं फस गई मीठी मीठी बातों में ऐसा कोई इरादा नहीं था आज जो हो गया हम दोनों के बीच में क्या ए कुछ ज्यादा नहीं था तुमसे मुलाकात का बहाना चाहता हूं जहां हर बात हो जाए ठिकाना चाहता हूं दूरियों को और ज्यादा बर्दाश्त कर नहीं पाऊंगा अपना बना लो करीब आना चाहता हूं देख तिरछी नजर से अचानक मुस्कुराई और कुछ क्षण में ही दिल को चुरा ले गई खूबसूरती के साजिशों में फंस गया हूं संग अपने नींद मेरा उड़ा ले गई तुम अगर रूठ जाओगी मैं टूटकर बिखर जाऊंगा जिस शिद्दत से तुम्हें चाहा है लगता नहीं है कि जी पाऊंगा जो साथ देती रहोगी हर मोड़ पर सभी मुश्किलों से निपट जाऊंगा तुम्हें सिर्फ प्यार मुझसे करना पड़ेगा मेरे उसूलों में पाबंद रहना पड़ेगा फिसल जाते हो हसीनों को देखकर इस आदत से बाहर निकलना पड़ेगा दूर हो जाएगी तेरी खामोशियां जब इरादों से रूबरू हो जाओगे नटखट बच्चों की तरह रोने लगोगे आंचल में मुस्कुराकर सो जाओगे तुम नसीब हो खुशनसीब हूं कि मेरे करीब हो खुशियों ...